शिकायत निवारण

शिकायत निवारण की प्रक्रिया

 

स्तर 1 – विभागीय/अनुभागीय अधिकारी/ग्रुप लीडर को मौखिक रूप से शिकायत बताना –

  1. एक पीड़ित कर्मचारी अपनी शिकायत मौखिक रूप से व्यक्तिश: अपने अनुभागीय प्रमुख/ग्रुप लीडर को जिस तिथि को शिकायत संबंधी घटना/या कारण घटित हुआ है, उसके पश्चाात 7 कार्यदिवसों के भीतर दे सकता है ।
  2. अनुभागीय प्रमुख / ग्रुप लीडर को मौखिक शिकायत प्राप्त होने की तारीख से 7 दिनों के भीतर कर्मचारी को उसका मौखिक जवाब देना होगा।

स्तर 2 – कार्मिक अधिकारी /प्रयोजन के लिए नामित अधिकारी को आवेदन-

  1. पीड़ित कर्मचारी अनुभागीय प्रमुख / ग्रुप लीडर के मौखिक जवाब से संतुष्ट नहीं है, या यदि वह 7 कार्यदिवसों की निर्धारित अवधि के भीतर अनुभागीय प्रमुख / ग्रुप लीडर से मौखिक उत्तर प्राप्त करने में विफल रहता है, तो वह शिकायत हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। उसे यह आवेदन जिस तारीख को शिकायत का कारण उत्पीन्नव हुआ है , उससे 21 कार्यदिवसों की अवधि के भीतर शिकायत फार्म-I , परिशिष्ट- I में निर्धारित, दो प्रतियों में कार्मिक अधिकारी / प्रयोजन के लिए नामित अधिकारी को करना होगा।
  2. प्रयोगशाला / संस्थान / कार्मिक अधिकारी, केंद्रीय कार्यालय के प्रमुख अपने विवेक के आधार पर इस समय सीमा को शिथिल कर सकते हैं,जहां वे इस बात से संतुष्टो हो कि कुछ वास्तमविक कारणों के कारण कर्मचारी 21 दिनों की निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपनी शिकायत प्रस्तुकत नहीं कर सका है।
  3. ऐसी सभी शिकायतों को कार्मिक अधिकारी / प्रयोजन के लिए नामित अधिकारी द्वारा स्वीकार किया जाएगा और शिकायत रजिस्टर में (फार्म-तृतीय, परिशिष्ट III में निर्धारित ) कर्मचारी आवेदन की एक प्रति अनुभागीय प्रमुख / ग्रुप लीडर को भेजी जाएगी जिसे 3 कार्यदिवसों के भीतर वापस करना होगा । कार्मिक अधिकारी / प्रयोजन के लिए नामांकित अधिकारी को कर्मचारी के अनुभागीय प्रमुख / ग्रुप लीडर से आवश्यक पूछताछ करना होगा और शिकायत फार्म 1 की डुप्लीकेट कॉपी में शिकायत प्राप्त होने की तारीख से 10 दिनों की अवधि के भीतर कर्मचारी को जवाब देना होगा । विधिवत रूप से भरे गए एवं पूर्ण शिकायत फार्म-। को कार्यालय रिकार्ड के रूप में रखा जाएगा।

स्तर 3- शिकायत समिति के लिए आवेदन-

  1. यदि कर्मचारी कार्मिक अधिकारी/ इस प्रयोजन के लिए नामांकित अधिकारी द्वारा दिए निर्णय से संतुष्ट नहीं है या निर्धारित अवधि के भीतर उत्तर प्राप्त करने में विफल रहता है, तो वह शिकायत फार्म-।। में (परिशिष्ट ।। में निर्धारित) दो प्रतियों में शिकायत समिति को अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकता है । यह शिकायत स्तटर ।। में उत्तरर प्राप्ति होने से 10 कार्यदिवसों के भीतर या कोई उत्तसर प्राप्तय न होने पर , जैसा भी मामला हो, अपनी असंतुष्टि का कारण बताते हुए की जानी चाहिए।
  2. शिकायत फार्म- ।। की दो प्रतियों में लिखित शिकायत आवेदन की प्राप्ति होने पर शिकायत समिति के सचिव द्वारा आवेदन की पावती शिकायत रजिस्टयर में दर्ज की जाएगी और 10 कार्य दिवसों के भीतर इसकी एक प्रति सक्षम प्राधिकारी को अवलोकन और कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी तथा उनसे प्राप्त टिप्प णियों युक्तक उस प्रति को सचिव को भेजा जाएगा। इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी को अधिकार हैं कि वे शिकायत का निवारण कर सकते है।
  3. सचिव शिकायत फार्म-।। में प्राप्त शिकायतों के सभी आवेदनों को शिकायत समिति को प्रस्तुत करेगा, चाहे सक्षम अधिकारी से इस संबंध में कोई उत्तआर प्राप्त। न हुआ हो । जहां कुछ टिप्पकणियां प्राप्त् हुई हो तो उन्हें शिकायत आवेदन पत्रों के साथ शिकायत समिति को विचारार्थ भेजा जाना चाहिए।
  4. शिकायत समिति विस्तार से शिकायत पर विचार करेगी और इस उद्देश्य के लिए चर्चा के लिए या आगे तथ्यों की प्रस्तुति के लिए पीड़ित कर्मचारी को बुलाया जा सकता है। शिकायत समिति "सक्षम प्राधिकारी की टिप्पणी को भी ध्यान में रखेगी और यदि आवश्यसक समझा गया तो उससे आगे स्पष्टीकरण प्राप्त करेगी । इसके बाद निर्णय उस शिकायत पर शिकायत समिति द्वारा लिया जाएगा निर्णय लिया जाएगा , लेकिन उससे पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह सीएसआईआर में प्रचलित उपनियमों, नियमों के अनुरूप है कि नहीं ।
  5. शिकायत समिति से सर्वसम्मति से निर्णय प्राप्त होने की स्थिति में इस निर्णय को सभी प्रासंगिक पत्रों के साथ महानिदेशक , सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख को प्रस्तुनत किया जाएगा।
  6. आम तौर पर महानिदेशक , सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख शिकायत समिति के इस निर्णय को प्राप्त तथा लागू करने के लिए प्रयास करते है, बशर्ते कि निर्णय सीएसआईआर के उप-कानूनों, नियमों का उल्लंघन नहीं करता हो , अन्य प्रयोगशालाओं/संस्थानों /केंद्रीय कार्यालयों के समान मुद्दों पर निहितार्थ प्रभाव न डालता हो , निदेशक / महानिदेशक की शक्तियों के भीतर हैं, जैसा भी मामला हो, वे इस तरह के कार्यान्वयन को लागू करने अथवा गलत या अस्वीकृत करने के लिए अधिकृत हैं।
  7. हालांकि, महानिदेशक ,सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख यह पाते हैं कि शिकायत समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय सीएसआईआर के नियमों, उपनियमों का उल्लंतघन कर रहा है या अन्य प्रयोगशालाओं/संस्थानों /केंद्रीय कार्यालयों के समान मुद्दों पर निहितार्थ प्रभाव डालता हो, निदेशक / महानिदेशक की शक्तियों के भीतर न हो , जैसा भी मामला हो, तो वे शिकायत समिति की बैठक बुलाकर इस मामले पर चर्चा कर सकते है। वे चर्चा हेतु पीडि़त कर्मचारी को भी बुला सकते है। इसके बाद, महानिदेशक ,सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख इस मामले में जो उचित समझेंगे , निर्णय लेंगे और अपने निर्णय के बारे में विस्तार पूर्वक अपनी राय और विचार बताते हुए उसे दर्ज करेंगे।
  8. शिकायत समिति के सदस्यों के बीच मतभेद की स्थिति में , सदस्यों के विचारों को संबंधित पत्रों सहित महानिदेशक ,सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख को प्रस्तुोत किया जाएगा और वे इस मामले में जो उचित समझेंगे , निर्णय लेंगे और अपने निर्णय के बारे में विस्तार पूर्वक अपनी राय और विचार बताते हुए उसे दर्ज करेंगे।
  9. महानिदेशक ,सीएसआईआर द्वारा इस प्रयो‍जन के लिए नामि‍त निदेशक/ प्रमुख द्वारा लिये गए अंतिम निर्णय को पीडि़त कर्मचारी को सूचित किया जाएगा। यदि कर्मचारी अभी भी इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो उसे निर्णय की प्राप्ति की तिथि से 30 कार्यदिवसों के भीतर महानिदेशक सीएसआईआर को अपील करने का अधिकार होगा।