भागीदारों के प्रति वचनबद्धता

stakeholders

भागीदार ग्राहक (उद्योग)

भागीदारों के लिए महत्त्वपूर्ण एनसीएल के लक्ष्य

प्रत्याशित निष्कर्ष

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के नए इंजिनों का सृजन
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के वर्तमान इंजिनों को सहायता प्रदान करना
  • उच्च प्रशिक्षित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्टाफ उपलब्ध कराना
  • नए उत्पा‍द एवं प्रक्रियाऍं, नए व्यवसाय का सृजन, बौद्धिक सम्पदा का सृजन
  • वर्तमान उत्पादों एवं प्रक्रियाओं में सुधार करना
  • उच्च गुणता की विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करना
  • प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास
  • पीएच.डी. के स्तर की शिक्षा
  • एम.एस.सी. के बाद का अनुसंधान प्रशिक्षण

भागीदार ग्राहक (समाज)

भागीदारों के लिए महत्त्वपूर्ण एनसीएल के लक्ष्य

प्रत्याशित निष्कर्ष

  • ऊर्जा, अन्न , जल, स्वास्थ तथा पर्यावरण जैसी महत्त्वपूर्ण सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अनुसंधान एवं विकास के समाधान प्रस्तुत करना
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय योजना तथा उद्योग की कार्य योजना से सम्बन्धित नीति-पूरक मामलों में योगदान देना
  • देश की दीर्घकालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सतत रूप से चलने वाले संसाधन केन्द्रों का सृजन
  • ग्राहक की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उचित प्रौद्योगिकीय समाधान
  • राष्ट्रीय स्तर की समितियों, बौद्धिक मंचों आदि में सहभागिता
  • राष्ट्रीय दृष्टिं से महत्त्वपूर्ण संसाधन केन्द्रों का सृजन

भागीदार – स्टाफ

भागीदारों के लिए महत्त्वपूर्ण एनसीएल के लक्ष्य

  • एक ऐसे सौंदर्ययुक्त वातावरण का निर्माण करना जहॉं वैयक्तिक एवं सामूहिक दोनों प्रकार की सृजनता को प्रोत्सा‍हन और पोषण मिले ।
  • वैज्ञानिकों को उनके कार्य से सम्बन्धित क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार प्रदान करना ।
  • प्रयोगशाला के प्रबन्धन के सभी पहलुओं में वैज्ञानिक स्टाफ को शामिल करना ।
  • वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी सहायक स्टाफ में वैज्ञानिकों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेह बनने की संस्‍कृति का निर्माण करना ।
  • परस्पर सम्बन्ध में उच्च‍ स्तर की वैयक्तिक नैतिकता, ईमानदारी एवं पारदर्शिता स्था‍पित करना ।
  • वैज्ञानिकों के रचनात्मक कार्य हेतु अनुकूल प्रणालियों एवं पद्धतियों का निर्माण करना ।
  • नौकरशाही से बचना तथा काम को हल्का करना ।
  • सभी कर्मचारियों के बीच खुले सम्पर्क/व्यहार हेतु प्रणाली का निर्माण ।
  • कर्मचारियों के कल्याण एवं खुशहाली हेतु योगदान देना ।
  • कर्मचारियों के लिए उचित प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रणाली शुरू कराना ।