सीएसआईआर-एनसीएल ने ऊर्जा, पॉलिमर और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (R&D) पर विशेष जोर दिया है, जिसमें प्लास्टिक, बैटरियों और फ्यूल सेल/इलेक्ट्रोलाइज़र जैसे अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा मिल सके। इसी दिशा में, हम पॉलिमर और नैनो/माइक्रो-कॉम्पोज़िट सामग्री में संरचना-गुणधर्म संबंधों (structure-property relations), सूक्ष्म संरचना निर्धारण (microstructural determination), और थर्मोप्लास्टिक/थर्मोसेट प्रोसेसिंग तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। इससे उद्योगों में पॉलिमर और उन्नत सामग्रियों के आर्थिक पहलुओं और उनके अनुप्रयोगों को समझने में मदद मिलेगी और यह उभरती तकनीकों के विकास में सहायक होगा।
सीएसआईआर-एनसीएल ने COVID-19 पीपीई कचरे से उपयोगी मोल्डेड प्लास्टिक उत्पादों का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। यह पायलट प्रोजेक्ट भविष्य में पूरे देश में बड़े स्तर पर दोहराया और विस्तारित किया जा सकता है, जिससे पीपीई कचरे को कार्यात्मक और सुरक्षित उत्पादों में बदला जा सके। यह पायलट प्रोजेक्ट भारतभर में लागू किया जा सकता है ताकि एक सतत और सर्कुलर “ग्रीन” अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके, जो इस अभी तक कम उपयोग में आए क्षेत्र में भारत की वृद्धि को गति दे सकता है और भारत के सामाजिक-पर्यावरणीय लक्ष्यों में योगदान कर सकता है।